हज़रत इमाम जाफर सादिक़ के हालात - Hazrat Imam Jaafar Sadiq Ka Bayan

Hazrat Imam Jaafar Sadiq Ke Halat
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Hazrat Imam Jaafar Sadiq Ka Bayan


तआर्रुफ

   आपका नाम ए नामी जाफ़र सादिक़ और कूनीत अबू मुहम्मद है। आपके मनाक़िब और करामतों के मुतल्लिक़ जो कुछ भी तहरीर किया जाए बहुत कम है। आप उम्मते मुहम्मदी के लिए सिर्फ बादशाह और हुज्जते नबवी के लिए रोशन दलील ही नहीं बल्कि सिदको तहकीक पर अमल पैरा हैं। औलिया ए किराम के बाग का फल, आले अली, नबियों के सरदार के जिगर-गोशह और सहीः मानों में वारिसे नबी हैं। और आपकी अजमत के ऐतबार से इन ख़िताबात को किसी तरह भी नामुनासिब नहीं कहा जा सकता। और यह बात हम सब जानते हैं की अगर अंबिया, सहाबा और अहलेबैत के हालात तफसील के साथ बयान करें तो उसके लिए एक ज़ख़ीम किताब की जरूरत पड़ेगी है। इसलिए हम अपनी पोस्ट में हुसूले बरकत के लिए सिर्फ उन औलिया ए किराम के हालातों मनाक़िब बयान कर रहे हैं जो अहलेबैत के बाद हुए हैं और उनमें सबसे पहले हजरत इमाम जाफर सादिक के हालात शुरू कर रहे हैं। 


हालात

   आपका दर्जा सहाबा ए किराम के बाद ही आता है लेकिन अहलेबैत में शामिल होने की वजह से न सिर्फ़ बाब ए तरीकत ही में आप से इर्शादात मन्कूल हैं , बल्कि बहुत सी रिवायतें भी मर्वी हैं। और इन्हीं अक्सर इरशादात में से बअज़ चीज़े बतौर सआदत हम यहां बयान कर रहे हैं और जो लोग आपके तरीक़ा पर अमल पैरा हैं वो बारह इमामों के मसलक पर गामजन हैं। क्योंकि आपका मसलक बारह इमामों के तरीकत का क़ायम मकाम है और अगर तन्हा आप ही के हालात ओ मनाक़ीब बयान कर दिए जाएं तो बारह इमामों के मनाक़ीब का ज़िक्र तसव्वुर किया जायेगा। आप ना सिर्फ़ मजमू ए कमालात व पेशवा ए तरीकत के मशाईख हैं बल्कि अर्बाबे ज़ौक के मुकतदा भी हैं, इसके अलावा आपने अपनी बहुत सी तसानीफ में राजहाए तरीकत को बड़े अच्छे पैमाने पर वाज़ेह किया है, और हज़रत इमाम बाक़िर के बहुत से मनाक़िब रिवायत किए हैं।

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